पश्चिम बंगाल में इस बार राम नवमी (6 अप्रैल) से पहले ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। धार्मिक त्योहार अब सियासत का अखाड़ा बन चुका है, जहां बीजेपी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस तीनों पार्टियां खुलकर एक-दूसरे पर निशाना साध रही हैं। इस बार राम नवमी सिर्फ आस्था का पर्व नहीं रहा, बल्कि चुनावी रणनीति और सियासी दबदबे का मंच बन चुका है
BJP का बयान – अगर सत्ता में आए, तो यूपी-गुजरात जैसा माहौल बनाएंगे
BJP प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि अगर 2026 में BJP पश्चिम बंगाल में सत्ता में आती है, तो राम नवमी पर यहां भी यूपी और गुजरात जैसा भाईचारा देखने को मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि मुसलमान लोग राम नवमी की शोभायात्राओं पर फूल बरसाएंगे और शरबत बांटेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई दंगा करेगा तो उसके खिलाफ उसी तरह सख्त कार्रवाई होगी जैसी यूपी में योगी सरकार करती है।
कांग्रेस का आरोप – पुलिस पक्षपाती है, राजनीति हो रही है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने राज्य पुलिस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की निष्पक्षता खत्म हो गई है और इसकी वजह से राजनीतिक दल धार्मिक आयोजनों का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
TMC भी मैदान में – राम नवमी पर हम भी रैली निकालेंगे
TMC के विधायक शौकत मोल्ला ने भी ऐलान किया कि वे भी कैंनिंग में राम नवमी की रैली में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि TMC हर धर्म और जाति के साथ है। साथ ही BJP नेताओं पर आरोप लगाया कि वे धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। TMC के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हर किसी को धर्म मानने का हक है, लेकिन BJP जो कर रही है वो बंगाल की जनता को मंज़ूर नहीं।
मालदा में हाल ही में हुई हिंसा – BJP प्रतिनिधिमंडल को रोका गया
हाल ही में मालदा के मोथाबाड़ी में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं, जिसमें लगभग 57 लोगों को गिरफ्तार किया गया। BJP नेता सुकांत मजूमदार वहां दौरा करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि हिंदू समुदाय के लोगों को परेशान किया जा रहा है और महिलाओं को महिला आयोग से शिकायत करने की सलाह दी।
पुलिस ने अलर्ट जारी किया – माहौल ना बिगड़े, प्रशासन मुस्तैद
राम नवमी को लेकर बीते कुछ वर्षों में बंगाल के कई इलाकों में तनाव की घटनाएं सामने आई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार पश्चिम बंगाल पुलिस ने पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की बात कही है। पुलिस ने हर जिले में अलर्ट जारी कर दिया है, खासकर उन इलाकों में जहां पहले साम्प्रदायिक तनाव देखने को मिला था।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और अगर किसी को कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आए, तो तुरंत नजदीकी थाने में सूचित करें। सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों को लेकर भी निगरानी की जा रही है, ताकि कोई शरारती तत्व माहौल खराब न कर सके।
राज्य सरकार ने भी साफ किया है कि किसी भी हाल में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जा रहा है।