Health Tips:थायराइड एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जो वर्तमान समय में बहुत आम हो गई है. आज के समय में लगभग हर 10 में से 5 लोग इस समस्या से पीड़ित है. हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के हार्मोन्स होते है,जो विभिन्न ग्रंथियों से स्रावित होते है. इनमें से एक थायराइड हार्मोन भी है, जो थायराइड ग्रंथि से निकलता है. यह हार्मोन शरीर की मेटाबॉलिज्म, विकास और विकास को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
थायराइड ग्रंथि का आकार तितली के समान होता है और यह मस्तिष्क, हृदय और शरीर के अन्य अंगों को सुचारु रूप से कार्य करने में सहायता प्रदान करती है. थायराइड से संबंधित समस्याओं का मुख्य कारण अस्वस्थ भोजन और तनावपूर्ण जीवनशैली है.यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है.

इस समस्या से जूझ रहे लोगों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्हें अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और साथ ही तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और व्यायाम जैसी गतिविधियों को अपनाना चाहिए. तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको इस समस्या से निजात पाने के तरीकों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं –
Thyroid की समस्या को जड़ से खत्म कर देगा ये घरेलू उपाय (Health Tips)
धनिया का पानी
थायराइड को नियंत्रित करने के लिए धनिया के बीज का पानी ( Health tips) भी एक प्रभावी उपाय हो सकता है.इसका उपयोग करने के लिए, रात भर के लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच धनिया के बीज भिगो दें और सुबह इस पानी का सेवन करें.इससे पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है और थायराइड हार्मोन का संतुलन बना रहता है.

हरा धनिया
हरे धनिया के पत्ते थायराइड हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.धनिया के पत्तों में विटामिन ए, सी, और विटामिन की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो थायराइड हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते है. इसके अलावा, धनिया के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं.
थायराइड से जुड़ी बीमारी के दौरान हड्डियों में दर्द होता है, जिससे राहत पाने में धनिया के पत्तों का रस बहुत फायदेमंद हो सकता है.यह रस थायराइड हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने और हड्डियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.
तुलसी और एलोवेरा
तुलसी और एलोवेरा दोनों ही अत्यधिक शक्तिशाली और उपयोगी पत्ते हैं. यह थायराइड हार्मोन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं. तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो थायराइड से संबंधित समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.हालांकि, केवल हाइपरथायराइडिज्म (अतिसक्रिय थायराइड) से पीड़ित लोगों को ही इसका सेवन करना चाहिए.

सब्जियां और फल
थायराइड के मरीजों को अपने आहार में अधिक मात्रा में सब्जियां और फल शामिल करने चाहिए. साथ ही, आयोडीन युक्त आहार का पालन करना चाहिए.प्रोटीन, फाइबर और विटामिन से भरपूर आहार अपनाना चाहिए. साबुत अनाज और कम वसा वाले भोजन भी इसके लिए लाभदायक हैं. विटामिन डी और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए.एक संतुलित और पौष्टिक आहार थायराइड के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है.
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली घरेलू उपचार माना जाता है. यह कई बीमारियों को दूर करने में अत्यधिक प्रभावी होता है.थायराइड से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए तुलसी के रस का सेवन किया जा सकता है.
एक विशेष पेय बनाने के लिए, दो चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच एलोवेरा के रस को मिलाएं. नियमित रूप से इसका सेवन करने से थायराइड की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है.यह पेय थायराइड हार्मोन को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
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