Delhi : दिल्ली विधानसभा में हाल ही में एक फोटो को लेकर बवाल देखने को मिला. दरअसल,हाल ही में आम आदमी पार्टी के विधायक जनरल सिंह ने एक फोटो को ट्विटर (एक्स) पर ट्वीट करके उसको डिलीट कर दिया. इसके बाद से ही Delhi विधानसभा में हड़कंप मच गया. विधानसभा के स्पीकर ने इसे नियम उल्लंघन बताया और इसपर कार्यवाही की भी मांग की. तो चलिए विस्तार से जानते हैं पूरा मामला –

क्या है पूरा मामला? (Delhi assembly)
Delhi विधानसभा में जिस फोटो को लेकर बवाल मचा वह आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक जरनैल सिंह ने सदन के अंदर की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें उन्होंने सरकार के मंत्रियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया. उन्होंने फोटो ट्वीट में करते हुए लिखा , “सरकार की ओर से कौन जवाब देगा?” यह ट्वीट बीजेपी विधायकों के लिए आपत्ति का कारण बन गया, और उन्होंने जरनैल सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. BJP ने इसे सदन की कार्यवाही और अनुशासन का उल्लंघन बताया और इस घटना के बाद, speaker ने इसे विशेषाधिकार का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी और ट्वीट हटाने की अपील की.

डिलिट किया ट्वीट
Delhi विधानसभा में सोमवार को जब आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक जरनैल सिंह ने सदन की एक तस्वीर ट्वीट की, तो इससे एक जबरदस्त बहस का माहौल बन गया. उन्होंने सरकार के मंत्रियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था, “सरकार की ओर से कौन जवाब देगा?” इस पर BJP के विधायकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कार्रवाई की मांग की और अनुशासन का उल्लंघन मानते हुए बीजेपी ने आपत्ति जताई.

स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इस मुद्दे पर कड़ी चेतावनी दी, उन्हें याद दिलाया कि सत्र के दौरान तस्वीरें खींचना विशेषाधिकार का उल्लंघन होता है. गुप्ता ने सिंह से कहा, “आपने तस्वीर कैसे खींची? आपको यह ट्वीट हटाना होगा, माफी मांगनी होगी और हमें आश्वस्त करना होगा कि आप ऐसा फिर से नहीं करेंगे.” इसके बाद, जरनैल सिंह ने वह ट्वीट डिलीट कर दिया.
फोन जब्त करने की मांग की
Bjp विधायक अजय महावर ने इस घटना के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक जरनैल सिंह का फोन जब्त करने की मांग की. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस मामले को आगे की कार्रवाई के लिए एक समिति को सौंपा जाए. वहीं,पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने इसे “गंभीर मसला” बताते हुए विधानसभा के अंदर तस्वीरें खींचने को प्रतिबंधित करार दिया. उन्होंने इस कृत्य को गंभीर उल्लंघन बताया और सदन के नियमों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
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