Vice-president 2025: देश में आज 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति का चुनाव का दिन है. यानी आज 15 वें उपराष्ट्रपति के लिए मंगलवार को मतदान जारी किया जाएगा और संसद में यह 10 बजे से शुरू किया जाएगा और यह शाम को 5 बजे तक किया जाएगा.एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं विपक्षी गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को तरफ से खड़ा किया है. राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आज देर तक घोषित कर दिया जाएगा.

उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन-कौन डाल सकता है वोट?
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सांसदों- लोकसभा और राज्यसभा के संसद शामिल होते हैं और इसमें निर्वाचित सांसदों के अलावा राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी वोट डाल सकते हैं. संसद के दोनों सदनों के सदस्यों इसमें हिस्सा लेते हैं और राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं और राज्यसभा के मनोनीत सांसदों को भी वोट डालने का अधिकार दिया गया है और राज्यसभा में फिलहाल 12 मनोनीत सदस्य हैं.

वोटिंग प्रक्रिया के आंकड़े
उपराष्ट्रपति के चुनाव में कुल 781 सांसद वोट डालेंगे जिसमें लोकसभा 542 और राज्यसभा के 239 सदस्य शामिल होंगे. लोकसभा में एक सीट खाली है, जबकि राज्यसभा में 6 सीटें खाली हैं जिनमें 4 जम्मू-कश्मीर से है और 1-1 पंजाब और झारखंड से है.
जहां आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा ने हाल ही में विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था, वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ( झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन का हाल ही में निधन हो गया था और राज्यसभा की खाली सीटों को भरने के लिए उपचुनाव भी नहीं कराएं जा सके. इन रिक्तियों के कारण राज्यसभा में सिर्फ 227 निर्वाचित सांसद और 12 मनोनीत सांसद ही मतदान में शामिल होंगे.

उपराष्ट्रपति के लिए कितने वोट चाहिए?
उपराष्ट्रपति चुनाव को जीतने के लिए उम्मीदवार को 391 वोटों की जरूरत पड़ेगी और यह संख्या कुल वैध मतों को पचास प्रतिशत से अधिक के आधार पर निर्धारित की गई हैं. बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर वोटरों की संख्या 770 है. लेकिन अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार रहते हैं और प्रथम वरीयता के वोटों से किसी को 386 वोट नहीं मिलते है तो दूसरी वरीयता के वोटों को गिना जाएगा और इसी से विजेता का फैसला किया जाएगा.
एनडीए vs विपक्ष किसका पलड़ा भारी?
लोकसभा की 542 सीटों में से एनडीए के पास वर्तमान में लोकसभा में 293 सांसदों का समर्थन है, जिनमें भाजपा के 240 सांसद शामिल हैं.इसके अलावा तेदेपा के 16, जदयू के 12, शिवसेना के 7 और लोजपा के 5 सांसद है. वाईएसआर कांग्रेस ने भी एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देने का फैसला किया है, जिससे एनडीए के खाते में 4 और सांसद जुड़ जाएंगे और कुल संख्या पहुंच जाएगी 297.
वहीं, विपक्षी इंडिया गठबंधन के पास 235 सांसद हैं. लोकसभा में 7 निर्दलीय और 3 अन्य सांसदों को मिला भी दिया जाए, तो भी विपक्ष के लिए अपने उम्मीदवार को जिताना मुश्किल होगा, क्योंकि एनडीए की पार्टियों में टूट-फूट की संभावना कम दिखती है.
एनडीए के पास पहले से ही बहुमत के आंकड़े के पार पहुंचने के लिए पर्याप्त संख्या बल है, और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन से उनकी स्थिति और मजबूत हो गई है.दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन के लिए अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए एनडीए में सेंध लगाना जरूरी होगा.
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