Nepal:नेपाल सरकार ने चार दिनों पहले ही यूट्यूब, फेसबुक और एक्स जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्शन लेते हुए उन्हें बैन कर दिया लेकिन इस रिएक्शन इतना उग्र आएगा इसका कोई कल्पना नहीं कर सकता है. सोशल मीडिया बैन होने पर युवा हिंसा पर उतारू हो गए तो चलिए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं क्या है पूरा मामला और क्या है इसके पीछे की वजह?

क्यों बैन हुआ सोशल मीडिया?
नेपाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाल ही में नेपाल सरकार द्वारा फेसबुक, व्हाट्सएप और यूट्यूब हमेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन कर दिया गया और यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इन प्लेटफार्मों ने नेपाल सरकार के साथ पंजीकरण नहीं कराया था और नेपाल सरकार ने नवंबर 2023 से अब तक पांच सार्वजनिक नोटिस जारी किए हैं और संबंधित कंपनियों को पत्र लिखकर पंजीकरण कराने का अनुरोध किया है. वैश्विक प्लेटफॉर्म बार-बार नोटिस देने के बावजूद ऐसा नहीं कर रही थी इसलिए सरकार ने प्रतिबंध लगाने का फैसला किया लेकिन आलोचकों ने संचार, आजीविका और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर इसके गंभीर प्रभावों के बारे में पहले ही चेताया था और नवंबर 2023 के अब तक सरकार ने पांच नोटिस जारी किया और संबंधित कंपनियों को पत्र भी लिखें पर मेटा, और अन्य कंपनियों ने बार-बार समयसीमा बढ़ाने की अनदेखी की और सरकार ने आखीरकार 28 अगस्त को सभी प्लेटफार्मों से सात दिन में पंजीकरण कराने को कहा और समयसीमा समाप्त होने पर पाबंदी लगा दी.

इन प्लेटफार्मों पर लगाएं रोक
नेपाल सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब, लिंक्डइन, रेडिट और इंस्टाग्राम जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया. इन प्लेटफॉर्म ने नेपाल सरकार के साथ पंजीकरण नहीं कराया था, जिसके कारण यह कदम उठाया गया.टिकटॉक, वाइबर और कुछ अन्य प्लेटफॉर्म पहले से पंजीकृत होने के कारण प्रतिबंध से बच गए और सामान्य रूप से काम कर रहे हैं.प्रतिबंध के कारण डिजिटल अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, खासकर उन कंटेंट क्रिएटर्स पर जो अपनी आजीविका के लिए इन प्लेटफॉर्म पर निर्भर हैं.फेसबुक के हालिया मुद्रीकरण कार्यक्रम से क्रिएटर्स को रील्स, पोस्ट और वीडियो के जरिए सीधे कमाई करने का अवसर मिला था, जो अब प्रतिबंध के कारण प्रभावित हो सकता है.

हिंसा के दौरान हुई मौत
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ प्रदर्शन करते समय कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए बिगड़ते हालात के बीच सरकार ने भी सेना को राजधानी में तैनात किया. इसे लेकर देर रात काठमांडू के मेयर बालेश शाह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए हमला बोला और फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए पीएम ओली को “आतंकवादी” बताया.
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